आप अक्सर सोचते
होंगे कि ये चमक-धमक वाले न्यूज़ प्रस्तोता आख़िर कमाते कितना होंगे? आप सोचते होंगे कि कितनी शानदार होती है ना
इनकी लाइफ़ कि सूट-बूट चढ़ाओ, कैमरा पर आओ,
बहस कराओ या खबरें पढ़ो और घर चले जाओ। ऐसा नहीं है। इन्होंने इस
स्तर पर पहुँचने के लिए बेहद संघर्ष किया है। किसी भी बड़े चैनल के प्राइम टाइम एंकर की कहानी संघर्षों से भरी है। चाहे अंजना ओम
कश्यप हों,
श्वेता सिंह, रजत शर्मा या रविश कुमार सबने इस मुक़ाम को
पाने के लिए बेहद नीचे से शुरुआत की। ये भी किसी best media college से पढ़े होंगे फिर कहीं इंटर्नशिप की, फिर डेस्क जॉब या रिपोर्टिंग और धीरे-धीरे कारवाँ बढ़ता गया और अपने अनुभवों
के साथ वो यहाँ हैं।
आज इस ब्लॉग में जानेंगे कि कैसे आप एक एंकर बन सकते हैं, आपकी शुरुआती तनख़्वाह कितनी होगी, और कौन सी डिग्री एंकर बनने के लिए महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग के अंत में दिल्ली के कुछ best media school के बारे में भी जानेंगे।
अगर आपने
बारहवीं पास कर लिया है तो ही सबसे सटीक वक्त है इस बारे में सोचने का। आपको अभी से ही कूच बेसिक स्किल्स पर काम करना होगा। मिसाल के
तौर पर आप अभी से ही अख़बार पढ़ने की आदत डालिए। रोज़ाना बोलने का अभ्यास कीजिए। अगर लोगों के सामने
बहुत बोलने में हिचकिचाहट होती है तो शुरुआती दौर में आप आइने के सामने अभ्यास कर
सकते हैं। आइने के सामने अभ्यास करने से आपने अंदर कॉन्फ़िडेन्स डेवलप होगा। अपने आसपास की समस्याओं पर नज़र
रखिए और मौक़ा पड़ने पर अभी आवाज़ सभ्य तरीक़े से उठाइए। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या मात्र
इतना करने भर से आप एंकर बन जाएँगे? तो नहीं,
ये मात्र शुरुआत
है जिससे कॉलेज जाने के बाद आपको ज़्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना होगा। कोई
भी अच्छा mass
communication college शुरुआत में आपको यही चीजें बताएगा।
All
the Best,
Afzaal
Ashraf Kamaal
No comments:
Post a Comment